WhatsApp ने हाल ही में एक नया सुरक्षा टूल लॉन्च किया है, जो साइबर ठगों और फर्जी अकाउंट्स पर सख्त कार्रवाई के उद्देश्य से लाया गया है। इस टूल की मदद से मई 2025 में ही भारत में लगभग 68 लाख से अधिक अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया। यह कदम यूजर्स की सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। इस प्रक्रिया से लोगों में जागरूकता पैदा होगी जिससे कई ठगो व फ्रॉड से बचा जा सकता है।
यानी जब कोई अनजान शख्स आपको किसी ग्रुप में ऐड करता है, तो ऐप पहले ही उस ग्रुप की पूरी जानकारी आपको शो कर देता है। इसके अलावा अब ऐप अननोन चैट वार्निंग भी देता है। यानी अगर आप किसी ऐसे शख्स से चैट शुरू करते हैं जो आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में नहीं है, तो WhatsApp आपको अलर्ट सेंड करेगा और उस यूजर के बारे में जानकारी भी देगा।
इस टूल का उद्देश्य
- फर्जी अकाउंट्स और स्पैम गतिविधियों की पहचान करना।
- WhatsApp की नीतियों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कार्रवाई करना।
- यूजर्स को सुरक्षित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म देना।
- AI और मशीन लर्निंग की मदद से संदिग्ध व्यवहार को रोकना।
अब तक की कार्रवाई का आंकड़ा
WhatsApp द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में:
- 68.2 लाख अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया।
- इसमें से 24 लाख अकाउंट्स बिना किसी यूजर रिपोर्ट के ही टूल द्वारा पहचाने गए।
- यह टूल यूजर्स की रिपोर्ट, ऑटोमेटेड सिस्टम और टूल्स से फीडबैक के आधार पर कार्य करता है।
इस टूल के फायदे
- यूजर्स को स्पैम मैसेज और फ्रॉड कॉल्स से राहत मिलती है।
- डेटा सुरक्षा मजबूत होती है।
- फेक न्यूज़ और धोखाधड़ी को रोका जा सकता है।
- प्लेटफॉर्म पर भरोसा बढ़ता है।
इस टूल के संभावित नुकसान
- कभी-कभी असली यूजर्स के अकाउंट भी गलती से ब्लॉक हो सकते हैं।
- ऑटोमेटेड सिस्टम की सीमाओं के कारण गलत रिपोर्टिंग की संभावना रहती है।
- यूजर्स को अपनी पहचान सत्यापित करने में समय लग सकता है।
इस तरह चल रहा था पूरा स्कैम
कंपनी ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में यह भी बताया है कि ये स्कैमर्स आमतौर पर लोगों की आर्थिक परेशानियों का फायदा उठा रहे थे। पहले तो वह मैसेजिंग ऐप्स, डेटिंग प्लेटफॉर्म्स या सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करते थे और फिर उन्हें WhatsApp या Telegram जैसे ऐप्स पर ले आते हैं। इसके बाद पहले एक फ्रेंडली मैसेज सेंड किया जाता है और फिर धीरे-धीरे TikTok पर वीडियो लाइक करने जैसे टास्क यूजर्स को दिए जाते हैं। फिर यूजर को इन्वेस्टमेंट के बहाने क्रिप्टो अकाउंट में पैसा डालने को भी कहा जाता है।
WhatsApp का नया स्कैम-स्पॉटिंग टूल
हालांकि इन सभी स्कैम्स से यूजर्स को बचाने के लिए कंपनी अब सिर्फ रिपोर्ट का इंतजार नहीं करती, बल्कि प्रोएक्टिवली यानी पहले से ही स्कैम अकाउंट्स की पहचान कर उन्हें हटाने लगी है। जिसमें नया स्कैम-स्पॉटिंग टूल काफी मदद कर रहा है। इतना ही नहीं इसके लिए WhatsApp ने कुछ नए सेफ्टी फीचर्स भी ऐड किए हैं। अब यूजर्स को ग्रुप जॉइनिंग पर अलर्ट मिलता है।
अफिशियल रिपोर्ट और अधिक जानकारी
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप WhatsApp India Compliance Report पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
WhatsApp का यह नया टूल निश्चित रूप से एक बड़ी पहल है जो भारत में डिजिटल संचार को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साइबर अपराध और फर्जी अकाउंट्स की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए यह तकनीक बेहद प्रभावी साबित हो रही है। हालांकि, इसके कुछ नकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी यह कदम यूजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

Disclaimer:
यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कृपया किसी भी तकनीकी या कानूनी निर्णय से पहले संबंधित आधिकारिक वेबसाइट या विशेषज्ञ से संपर्क करें।





