NCTE का बड़ा फैसला अगर आपने B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) की डिग्री प्राप्त की है और आप प्राइमरी शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपके लिए खुशखबरी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE का बड़ा फैसला) ने एक अहम फैसला लिया है, जिससे अब B.Ed धारक भी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ा सकेंगे।
क्या है NCTE का नया फैसला?
अब तक केवल D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) या BTC करने वाले अभ्यर्थियों को ही प्राथमिक शिक्षक बनने की अनुमति थी। लेकिन अब NCTE के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, B.Ed की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों को भी प्राइमरी शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। हालांकि इसके लिए कुछ विशेष शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होगा।
NCTE का बड़ा फैसला नियमों की प्रमुख बातें:
- B.Ed डिग्री धारकों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा, जो कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से किया जाना चाहिए।
- अभ्यर्थियों को CTET (Central Teacher Eligibility Test) या TET उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
- यह नियम सभी राज्यों पर लागू होगा, जिससे लाखों B.Ed धारकों को लाभ मिलेगा।
NCTE का बड़ा फैसला कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
हालांकि 2018 में किए गए इस संशोधन को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने 2021 में इस अधिसूचना को रद्द कर दिया और कहा कि B.Ed डिग्रीधारी शिक्षक कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के योग्य नहीं हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया। मतलब साफ था – अब B.Ed डिग्रीधारी शिक्षक, जब तक ब्रिज कोर्स नहीं करते, तब तक उन्हें प्राइमरी शिक्षक नहीं माना जाएगा।
पहले से नियुक्त शिक्षकों को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को एक और आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि जो B.Ed डिग्रीधारी पहले से शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। लेकिन उन्हें नियुक्ति के छह महीने के भीतर यह ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा। कोर्स की मान्यता एनसीटीई से होनी जरूरी है। यह फैसला उन हजारों शिक्षकों के लिए राहत भरा है जो डर में थे कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए।
किसे दी गई है कोर्स की जिम्मेदारी?
NIOS को कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह इस कोर्स को संचालित करे। इसका मतलब अब NIOS जल्द ही इस 6 महीने के कोर्स की शुरुआत करेगा। यह कोर्स शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीक, स्किल्स और प्राथमिक स्तर की पढ़ाई से जुड़ी आधुनिक पद्धतियों की ट्रेनिंग देगा। इससे न सिर्फ उनकी नौकरी बचेगी, बल्कि वह और बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा सकेंगे।
B.Ed धारकों को कैसे मिलेगा फायदा?
देश भर में हजारों B.Ed धारक ऐसे हैं जो केवल इसलिए प्राइमरी टीचर नहीं बन पा रहे थे क्योंकि उनकी योग्यता D.El.Ed नहीं थी। अब NCTE के इस फैसले से ऐसे उम्मीदवारों के लिए सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक बनने का रास्ता खुल गया है।
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कब से लागू होगा नया नियम?
NCTE का बड़ा फैसला का यह निर्णय 2025-26 शैक्षणिक सत्र से प्रभावी किया जाएगा। केंद्र सरकार सभी राज्यों को निर्देश दे रही है कि वे इस नियम को शीघ्र लागू करें और आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करें।
क्या करना होगा B.Ed धारकों को?
- पहले CTET या State TET पास करें।
- इसके बाद NCTE द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से 6 महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करें।
- कोर्स पूरा करने के बाद आप प्राइमरी शिक्षक की वैकेंसी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस फैसले के लाभ
- शिक्षकों की कमी दूर होगी।
- B.Ed धारकों को रोजगार के और अवसर मिलेंगे।
- प्राइमरी शिक्षा में बेहतर क्वालिटी वाले शिक्षक शामिल होंगे।
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FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. क्या सभी B.Ed धारक प्राइमरी टीचर बन सकते हैं?
हाँ, लेकिन उन्हें 6 महीने का ब्रिज कोर्स और TET/CTET पास करना होगा।
Q. यह नियम कब से लागू होगा?
यह नियम 2025-26 सत्र से लागू किया जाएगा।
Q. ब्रिज कोर्स कहां से किया जा सकता है?
NCTE द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी संस्थान से यह कोर्स किया जा सकता है।

Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट ncte.gov.in पर विजिट करें।
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