उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए एक और बड़ा और रोजगारोन्मुखी फैसला लिया है। कैबिनेट की हाल ही में हुई बैठक में 121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई है,इस दौरान कुल 38 प्रस्ताव आए थे जिसमें 37 पर मुहर लग गई। एक प्रस्ताव को अगली बैठक में दोबारा पेश किया जाएगा। यूपी में 121 पॉलीटेक्निक कॉलेज बनाये जाएंगे, जिसमें पहले चरण में 45 का निर्माण किया जाएगा।
121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज जिससे प्रदेश के कोने-कोने में तकनीकी शिक्षा का विस्तार होगा। इस निर्णय से युवाओं को रोजगारपरक और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा लाभ मिलेगा।
इस फैसले का उद्देश्य क्या है?
यूपी में 121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार योग्य बनाना है। आज के दौर में स्किल्ड वर्कफोर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यूपी में 121 पॉलीटेक्निक कॉलेजों का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी मिली। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पत्रकारों को बताया कि कुल 38 प्रस्ताव आए थे जिसमें 37 पर मुहर लग गई। एक प्रस्ताव को अगली बैठक में दोबारा पेश किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि टाटा टेक्नोलॉजी की ओर से टाटा एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाएगा। ये उत्तर प्रदेश के लिए गेम चेंजर साबित होगा। इस फैसले से ग्रामीण इलाकों के लोगों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा। वहीं, उत्तर प्रदेश में 121 पॉलीटेक्निक कॉलेज बनाये जाएंगे, जिसमें पहले चरण में 45 का निर्माण किया जाएगा।
कहां-कहां खुलेंगे नए पॉलिटेक्निक कॉलेज?
ये कॉलेज हर जिले और खासकर पिछड़े व ग्रामीण इलाकों में खोले जाएंगे,121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज ताकि शिक्षा का लाभ समाज के हर तबके तक पहुंच सके। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी शहरों की तरफ पलायन नहीं करना पड़ेगा और उन्हें उनके ही जिले में बेहतर तकनीकी शिक्षा मिलेगी।
🛠️ किन क्षेत्रों में मिलेगी ट्रेनिंग?
नए पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न रोजगारोन्मुखी कोर्सेस संचालित किए जाएंगे, जैसे:
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- सिविल इंजीनियरिंग
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी
- फिटर, वेल्डर, मशीनिस्ट जैसे आईटीआई समकक्ष कोर्स
कितना होगा खर्च और किस योजना के तहत बनेगा कॉलेज?
सरकार इन कॉलेजों की स्थापना पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह काम ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’, ‘विश्वकर्मा योजना’ और राज्य सरकार की तकनीकी शिक्षा विस्तार नीति के अंतर्गत किया जाएगा।
छात्रों को क्या फायदे होंगे?
- स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा
- कम खर्च में डिप्लोमा या तकनीकी कोर्स
- स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगार की अधिक संभावना
- प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ने में आसानी
- महिला छात्रों को भी मिलेगा विशेष लाभ व आरक्षण
प्रवेश प्रक्रिया और योग्यता
प्रत्येक कॉलेज में प्रवेश के लिए राज्य स्तर की पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा (JEECUP) के माध्यम से चयन किया जाएगा। 121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज योग्यता के तौर पर उम्मीदवार को कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक होगा।
आधिकारिक वेबसाइट लिंक:
https://bteup.ac.in
https://jeecup.admissions.nic.in
सरकार का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“हमारा उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ना है। 121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज इसी दिशा में एक बड़ा कदम हैं।”
❓FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या ये कॉलेज सरकारी होंगे या प्राइवेट?
ये सभी कॉलेज सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज होंगे और पूरी तरह सरकार द्वारा संचालित किए जाएंगे।
Q2. कब तक खुल जाएंगे ये कॉलेज?
सरकार ने कहा है कि चरणबद्ध तरीके से 2025 के अंत तक अधिकतर कॉलेज शुरू कर दिए जाएंगे।
Q3. क्या गरीब छात्रों को स्कॉलरशिप मिलेगी?
हां, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
यूपी में 121 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने का निर्णय राज्य के युवाओं के भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे प्रदेश की तकनीकी शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य का औद्योगिक विकास भी तेजी से होगा।
Disclaimer:
यह लेख सरकारी योजनाओं पर आधारित सार्वजनिक सूचना को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।





