योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के तीन नवगठित विश्वविद्यालयों में कुल 948 नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी गई है। इसमें 480 आउटसोर्सिंग पद भी शामिल हैं। इस निर्णय से विश्वविद्यालयों में शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूती मिलेगी और छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
कहां पर बने हैं नए विश्वविद्यालय?
- महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय – आजमगढ़
- महाराजा विजयाराजे सिंधिया राज्य विश्वविद्यालय – अलीगढ़
- राजश्री चेतन्य राज्य विश्वविद्यालय – मिर्जापुर
इन तीनों विश्वविद्यालयों को हाल ही में राज्य सरकार ने स्थापित किया था और अब इन्हें संचालित करने के लिए नए पदों का सृजन किया गया है।
कितने पदों को मंजूरी मिली?
| श्रेणी | संख्या |
|---|---|
| स्थायी पद | 468 |
| आउटसोर्सिंग पद | 480 |
| कुल | 948 |
कौन-कौन से पद शामिल?
- प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर
- क्लर्क, अकाउंटेंट और तकनीकी सहायक
- प्रयोगशाला सहायक (Lab Assistants)
- लाइब्रेरियन और प्रशासनिक स्टाफ
- आउटसोर्सिंग के अंतर्गत सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मचारी और अन्य स्टाफ
इस 480 आउटसोर्सिंग पद सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का कहना है कि नए पदों के सृजन से विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी।480 आउटसोर्सिंग पद साथ ही, आउटसोर्सिंग पदों के जरिए विश्वविद्यालयों में तुरंत स्टाफ उपलब्ध कराया जा सकेगा।
468 अस्थायी शिक्षणेतर पद
480 आउटसोर्सिंग पद प्रत्येक विश्वविद्यालय में 156 अस्थायी शिक्षणेतर पद सृजित किए गए हैं, जो 28 फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेंगे और आवश्यकतानुसार समाप्त भी किए जा सकते हैं। इन पदों में फार्मासिस्ट, इलेक्ट्रिशियन, अवर अभियंता, आशुलिपिक, सहायक लेखाकार, कनिष्ठ सहायक, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, वैयक्तिक सहायक, लेखाकार, प्रधान सहायक, चिकित्साधिकारी और स्टाफ नर्स जैसे पद शामिल हैं। इन पदों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सीधी भर्ती, पदोन्नति और प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया से की जाएगी।
480 आउटसोर्सिंग के भी पद
इसके अलावा हर विश्वविद्यालय में 160 पद वाह्य सेवा प्रदाता (आउटसोर्सिंग) के माध्यम से पूरे किए जाएंगे, जिससे कुल 480 पद बनते हैं। इनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, माली, चपरासी, वाहन चालक और पुस्तकालय परिचर जैसे पद शामिल हैं। आउटसोर्सिंग की प्रक्रिया जेम पोर्टल के माध्यम से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। साथ ही, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, श्रम विभाग और कार्मिक विभाग द्वारा जारी शासनादेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी नियुक्तियों में आरक्षण से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होगा।
इस 480 आउटसोर्सिंग पद से लाभ
- 🎓 छात्रों को बेहतर शिक्षण सुविधा।
- 💼 शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए रोजगार अवसर।
- 🏫 नए विश्वविद्यालयों के संचालन में तेजी।
- ⚡ आउटसोर्सिंग से प्रशासनिक काम में सुविधा।
- 📚 शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
स्थायी बनाम आउटसोर्सिंग पद: फायदे और नुकसान
| श्रेणी | फायदे | नुकसान |
|---|---|---|
| स्थायी पद | नौकरी में स्थिरता और सुरक्षा वेतनमान और भत्ते सरकारी नियमों के अनुसार पेंशन व अन्य सुविधाएं लंबे समय तक अनुभव व संस्थान को मजबूती | भर्ती प्रक्रिया लंबी और जटिल राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ ज्यादा कभी-कभी पद रिक्त रह जाते हैं |
| आउटसोर्सिंग पद | भर्ती तेजी से पूरी हो सकती है विश्वविद्यालयों में तुरंत स्टाफ उपलब्ध राज्य सरकार पर सीधा वेतन बोझ नहीं कई युवाओं को अस्थायी रोजगार अवसर | नौकरी में स्थिरता की कमी भत्ते और पेंशन का लाभ नहीं कभी-कभी कार्य गुणवत्ता पर असर अस्थायी होने से कर्मचारियों में असुरक्षा |
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. कितने नए पदों को मंजूरी मिली?
कुल 948 पदों को मंजूरी मिली है, जिनमें 480 आउटसोर्सिंग पद शामिल हैं।
Q2. किन विश्वविद्यालयों में ये पद सृजित हुए?
आजमगढ़, अलीगढ़ और मिर्जापुर के तीन नवगठित विश्वविद्यालयों में।
Q3. क्या इसमें स्थायी पद भी शामिल हैं?
हां, 468 स्थायी पद और 480 आउटसोर्सिंग पद हैं।
Q4. किस तरह के पदों पर भर्ती होगी?
शिक्षण पदों के साथ-साथ प्रशासनिक और तकनीकी पद शामिल होंगे।
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Disclaimer
यह जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक अधिसूचना और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी बदलाव या अपडेट के लिए कृपया आधिकारिक वेबसाइट देखें।





