देशभर में संविदा कर्मचारियों (Contract) पर कार्यरत लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार ने अब संविदा कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर एक अहम फैसला लिया है। इस नए नियम के तहत संविदा कर्मचारियों को अब नियमित कर्मचारियों से पहले वेतन मिलेगा। यह कदम न केवल उनके आर्थिक हालात को बेहतर बनाएगा, बल्कि उनकी नौकरी के प्रति असुरक्षा को भी काफी हद तक खत्म करेगा।
क्या है नया फैसला?
सरकार ने निर्णय लिया है कि संविदा कर्मचारियों को अब हर महीने की 1 से 5 तारीख तक वेतन देना अनिवार्य होगा। पहले उन्हें कई बार महीनों तक वेतन नहीं मिलता था जिससे आर्थिक संकट पैदा हो जाता था। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका वेतन पहले जारी किया जाए, फिर नियमित कर्मचारियों का।
सीएम योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट हिदायत: हर महीने 5 तारीख तक वेतन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही संविदा कर्मचारियों के लिए आदेश जारी किया था कि राज्य के 11 लाख से अधिक संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को हर हाल में महीने की 5 तारीख तक वेतन दिया जाना चाहिए। इसके लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम की स्थापना का भी ऐलान किया गया है, जो संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति, वेतन और सुरक्षा को व्यवस्थित करेगा।

संविदा कर्मचारियों न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय, कटौती पर सख्ती
सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक, संविदा कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह तय किया गया है। इससे पहले यह वेतन अक्सर एजेंसियों द्वारा कटौती के बाद 10-12 हजार रुपए ही मिल पाता था। सरकार ने एजेंसियों की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए कहा है कि किसी भी संविदा कर्मी के वेतन से अनुचित कटौती नहीं की जा सकती, और अगर होती है तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
किसे मिलेगा इसका लाभ?
यह नियम उन सभी संविदा कर्मियों पर लागू होगा जो विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं:
| विभाग | संविदा पद | लाभ |
|---|---|---|
| शिक्षा विभाग | गेस्ट टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर | समय पर वेतन, स्थायित्व की उम्मीद |
| स्वास्थ्य विभाग | ANM, GNM, लैब टेक्नीशियन | आर्थिक स्थिरता, कार्य में मनोबल |
| पंचायती राज | ब्लॉक स्तर के कर्मचारी | समय पर भुगतान, सेवा सुरक्षा |
| नगर निगम | स्वच्छता कर्मचारी | मानवता संगत भुगतान प्रणाली |
सरकार का मकसद क्या है?
- संविदा कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारना
- उनकी सेवाओं को सम्मान
- वेतन देरी की समस्याओं को समाप्त करना
- नौकरी के प्रति स्थायित्व का भरोसा देना
संविदा कर्मचारियों को अब नहीं करना होगा लंबा इंतजार
वर्षों से संविदा कर्मचारी समय पर वेतन न मिलने से परेशान थे। कई बार उन्हें 15 से 20 दिन या उससे भी अधिक का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब सरकार के इस नए फैसले से वेतन प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह बनेगी।
बिजली विभाग के इस मॉडल को अब अन्य विभागों में भी अपनाने की तैयारी है, जिससे पूरे प्रदेश के संविदा कर्मियों को फायदा होगा।
भविष्य की मांगें
संविदा कर्मचारी संगठन की ओर से यह भी मांग की गई है कि उन्हें भी नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं दी जाएं, जैसे कि:
- समान काम के लिए समान वेतन
- EPF, ESI जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
- नियमितीकरण की स्पष्ट प्रक्रिया
- छुट्टियों और ग्रेच्युटी की सुविधा
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निष्कर्ष
सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। अब उन्हें हर महीने समय पर वेतन मिलेगा और उन्हें सम्मान के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा। सरकार द्वारा इस तरह की पहलें आगे भी की जाती हैं तो संविदा कर्मचारियों का भविष्य और भी सुरक्षित होगा।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी सरकारी योजना या अधिसूचना की पुष्टि संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से करें।






